Wednesday, October 14, 2009

संवेदना -2


विचारों की इसी उलझन में ऑफिस पहुँचा मन आज कहीं और ही घूम रहा था, रह रह के ख्याल उन्ही अधनंगे बच्चों की तरफ़ चला जाता ऑफिस में जा के काम की शुरुवात की तो धीरे धीरे सब कुछ दैनिक क्रिया की तरह ही होने लगा, मन थोड़ा सा काम में लगाया वह काम बड़ी ही निष्ठा से करता ,कभी भी किसी को शिकायत का मौका नही देता था काम करते करते पता नही चला की दिन कब निकल गया शाम ढलने का समय हुआ और उसे घर जाने की सूझी, पर अब दोबारा से मन वहीँ पहुँच रहा था रेड लाइट पार होने के बाद जैसे ही वह उस झुग्गी वाले इलाके में पहुँचा ,सुबह वाला दृश्य उसकी आंखों के सामने घूम रहा था। शाम ढल चुकी थी और धीरे धीरे सारा शहर अंधेरे को कृत्रिम रोशनी से दूर करने लगा था , जबकि अपने मन में इंसां उजाला करने की सोच भी नही पाता है झुग्गियों में भी कहीं कहीं लाइट थी और कहीं मोमबत्ती का उजाला दिख रहा था ,अभी शायद वो सुबह वाले बच्चे कुछ खा पी के सोने की कोशिश में होंगे। पता नही खाना भी नसीब होता होगा या नही उन्हें

घर पहुँचा ,खाना खाया और सोने की तैय्यारी करने लगा सहसा ही उसकी निगाह मक्सिम गोर्की की 'मेरा बचपन' किताब पर पड़ी जो की मेज पर रखी थी आजकल वह पढ़ रहा था इसे किताब की अब तक की कहानी उसकी आंखों के सामने घूमने लगी
कितना संघर्ष, कितनी मुश्किलें ....उन्होंने जन्म दिया एक महान साहित्यकार ,फिलोसोफेर मक्सिम गोर्की को उन बच्चों में से किसी में यह प्रतिभा भी हो सकती है ...कोई मक्सिम गोर्की उनमे भी हो सकता है
क्या ऐसा सचमुच हो सकता है क्या !!! अब दिमाग के घोडे दौड़ने लगे, सोचने लगा की कैसे उन बच्चों की जिंदगी संवारी जाए पर कुछ भी उपाय ध्यान में नही रहा था , सबसे पहले तो उनके माता पिता से बात करनी पड़ेगी,उन्हें पढ़ाई के महत्त्व के बारे में बताना पड़ेगा ...कोई समझ पायेगा क्या वहां ??? कोई सुनेगा क्या उसकी बात ??
विचारों के इसी मायाजाल में पता नही उसे कब नींद गई ....एक नई सुबह के इंतजार में ,वो नींद की गोद में सो गया ...
क्रमश : ...

7 comments:

  1. बढ़‍िया समाँ बांधा है। आगे की कड़‍ियों का इंतज़ार है।

    - आनंद

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  2. चिटठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.
    लेखन के द्वारा बहुत कुछ सार्थक करें, मेरी शुभकामनाएं.
    व सपरिवार दिवाली की शुभकामनाएं.
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    हिंदी ब्लोग्स में पहली बार Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]

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